नई दिल्ली। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के पास गेहूं स्टॉक 1 फरवरी तक 14 फीसदी सालाना और मासिक आधार पर 19 फीसदी गिरकर 132 लाख टन रह गया। यह 2017 के बाद से 1 फरवरी के लिए सबसे कम है, जब स्टॉक 115 लाख टन था।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की खुले बाजार में बिक्री, मुफ्त खाद्यान्न योजना और भारत आटा बिक्री योजना के कारण केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक गिर गया है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने इस महीने की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एफसीआई की खुली बाजार योजना के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में 100 लाख टन से अधिक गेहूं बेचने का है। 28 जून को नीलामी शुरू होने के बाद, एफसीआई ने इस साल अब तक 80 लाख टन से अधिक गेहूं बेचा है। इसने 2022-23 में खुले बाजार में 33 लाख टन गेहूं बेचा था।
लगभग सात साल के निचले स्तर पर होने के बावजूद, गेहूं का स्टॉक 1 जनवरी के लिए 108 लाख टन के बफर मानक की आवश्यकता से अधिक है। सरकार ने हर तिमाही के लिए स्टॉक की बफर आवश्यकता तय की है और एफसीआई को तय अवधि तक अपना खाद्यान्न स्टॉक बनाए रखना है।
1 फरवरी तक, एफसीआई के पास सरकार का कुल गेहूं और चावल का स्टॉक 343 लाख टन था, जो एक महीने पहले के 345 लाख टन से थोड़ा कम और एक साल पहले के 324 लाख टन से 6 फीसदी अधिक था।
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