Om Metallogic IPO opens on 29 September 2025 – key details, price band, lot size, subscription status

Om Metallogic IPO: 29 सितंबर को खुलेगा इश्यू, जानें पूरी जानकारी

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मुंबई। ओम मेटालॉजिक लिमिटेड 22.35 करोड़ रुपए का एक निश्चित मूल्य वाला इश्यू है। यह इश्यू पूरी तरह से 22.35 करोड़ रुपए के 0.26 करोड़ शेयरों का फ्रेश इश्यू है।

ओम मेटालॉजिक का आईपीओ 29 सितंबर, 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 1 अक्टूबर, 2025 को बंद होगा। ओम मेटालॉजिक आईपीओ के लिए आवंटन 3 अक्टूबर, 2025 को होने की उम्मीद है। ओम मेटालॉजिक आईपीओ बीएसई एसएमई पर सूचीबद्ध होगा और इसकी संभावित लिस्टिंग तिथि 7 अक्टूबर, 2025 तय की गई है।

ओम मेटालॉजिक आईपीओ का प्राइस 86.00 रुपए प्रति शेयर है। आवेदन के लिए लॉट साइज़ 1,600 है। एक व्यक्तिगत निवेशक (खुदरा) द्वारा आवश्यक न्यूनतम निवेश राशि 2,75,200 रुपए (3,200 शेयर) (ऊपरी मूल्य के आधार पर) है। एचएनआई के लिए न्यूनतम लॉट साइज़ निवेश 3 लॉट (4,800 शेयर) है, जिसकी राशि 4,12,800 रुपए है।

कॉर्पोरेट मेकर्स कैपिटल लिमिटेड बुक रनिंग लीड मैनेजर है और स्काईलाइन फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड इस इश्यू का रजिस्ट्रार है। कंपनी का मार्केट मेकर प्रभात फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड है।

कंपनी के प्रमोटर मनीष शर्मा और श्रीमती सीमा शर्मा हैं।

2011 में स्थापित, ओम मेटालॉजिक लिमिटेड, एल्युमीनियम-आधारित धातु स्क्रैप को पुनर्चक्रित करके उच्च गुणवत्ता वाले एल्युमीनियम मिश्र धातुओं जैसे क्यूब्स, इनगॉट्स, शॉट्स और नॉच बार का उत्पादन करने के व्यवसाय में लगी हुई है।

इन मिश्र धातुओं का उपयोग ऑटोमोटिव, निर्माण, विद्युत संचरण और खाद्य पैकेजिंग सहित विभिन्न उद्योगों में उनकी कठोरता, संक्षारण प्रतिरोध और उत्कृष्ट शक्ति-से-भार अनुपात के कारण होता है।

कंपनी 800 टन मासिक क्षमता वाली अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाओं का संचालन करती है, जहाँ उन्नत मशीनरी का उपयोग करके स्क्रैप धातु को प्रीमियम एल्युमीनियम सिल्लियों में कुशलतापूर्वक परिवर्तित किया जाता है। गुणवत्ता आश्वासन पर ज़ोर यह सुनिश्चित करता है कि सभी उत्पाद उद्योग मानकों और ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खरे उतरें।

भारत में मुख्यालय वाली, ओम मेटालॉजिक एक मज़बूत वितरण नेटवर्क रखती है जो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाज़ारों की ज़रूरतों को पूरा करती है। इसके ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण, कुशल लॉजिस्टिक्स और समय पर डिलीवरी ने इसे रीसाइक्लिंग और धातु प्रसंस्करण उद्योग में एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया है।

कंपनी किला नंबर 17, हरफला रोड, बल्लभगढ़, हरियाणा में अपनी मैन्‍युफैक्‍चरिंग सुविधा संचालित करती है, जिसकी वार्षिक क्षमता 5,280 टन है, और ग्राहकों की ज़रूरतों को लागत-प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए कुशल, तकनीक-संचालित प्रक्रियाओं का उपयोग करती है।

उत्पाद और सेवाएं
पुनर्नवीनीकृत अलौह धातुएं: ओम मेटालॉजिक अलौह धातुओं जैसे एल्युमीनियम, तांबा, पीतल और जस्ता के पुनर्चक्रण और प्रसंस्करण में विशेषज्ञता रखती है। इन धातुओं को औद्योगिक स्क्रैप और जीवन-काल समाप्त हो चुके उत्पादों से प्राप्त किया जाता है और विभिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए उच्च-गुणवत्ता वाले कच्चे माल में संसाधित किया जाता है।

धातु सिल्लियां और मिश्र धातुएं: कंपनी मानकीकृत और कस्टम मिश्र धातु सिल्लियाँ बनाती है जो विशिष्ट उद्योग आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। इन सिल्लियों का उपयोग ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिकल, निर्माण और मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्रों में किया जाता है।

धातु स्क्रैप प्रसंस्करण: ओम मेटालॉजिक संपूर्ण धातु स्क्रैप प्रबंधन सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें संग्रहण, पृथक्करण, कटाई और प्रगलन शामिल हैं। इससे उद्योगों को मूल्यवान सामग्रियों की पुनर्प्राप्ति करते हुए अपने स्क्रैप का ज़िम्मेदारी से निपटान करने में मदद मिलती है।

कस्टम रीसाइक्लिंग समाधान: कंपनी औद्योगिक ग्राहकों के लिए अनुकूलित रीसाइक्लिंग समाधान प्रदान करती है, जिससे वे कुशलतापूर्वक अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और मूल्यवान संसाधनों की पुनर्प्राप्ति कर सकते हैं।

सतत धातु स्रोत: पर्यावरण के प्रति जागरूक संचालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, ओम मेटालॉजिक ग्राहकों को उनके ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने के लिए सतत रूप से प्राप्त धातु विकल्प प्रदान करता है।

रसद एवं आपूर्ति श्रृंखला सेवाएं: सामग्री की समय पर और सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए, कंपनी एकीकृत रसद और वितरण सेवाएँ प्रदान करती है, जिससे प्रसंस्कृत धातु वस्तुओं की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों तक सुचारू आवाजाही संभव हो सके।

ओम मेटालॉजिक आईपीओ कंपनी इस आईपीओ से प्राप्त शुद्ध आय का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए करने का प्रस्ताव रखती है: मौजूदा मैन्‍युफैक्‍चरिंग इकाई के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए वित्तपोषण, कार्यशील पूंजी की आवश्यकता का आंशिक वित्तपोषण, कंपनी द्वारा लिए गए कुछ उधारों का पूर्ण या आंशिक पुनर्भुगतान/पूर्व-भुगतान, सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों की पूर्ति।

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