मुंबई। अमेरिकी गैर-कृषि रोज़गार आंकड़ों से पहले डॉलर सूचकांक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था। गुरुवार को डॉलर सूचकांक 0.20 फीसदी बढ़कर 97.578 पर बंद हुआ। बुधवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 29 अक्टूबर का USD-INR वायदा कांट्रैक्ट 0.17 फीसदी गिरकर 88.8175 पर बंद हुआ।
पृथ्वी फिनमार्ट के कमोडिटी डाइरेक्टर मनोज कुमार जैन का कहना है कि गुरुवार को डॉलर सूचकांक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा था और अमेरिका में गैर-कृषि रोज़गार में 30,000 की वृद्धि के साथ 52,0000 तक पहुंचने की उम्मीदों के बीच अपने निचले स्तरों से उबर गया। कच्चे तेल की कीमतों में मुनाफावसूली के बाद भी डॉलर सूचकांक में सुधार हुआ। हालांकि, अमेरिका में शटडाउन और नए रोज़गार के अवसरों में गिरावट ने डॉलर सूचकांक की बढ़त को सीमित कर दिया। वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव, भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी शटडाउन और अमेरिकी गैर-कृषि रोजगार आंकड़ों से पहले, हमारा अनुमान है कि डॉलर सूचकांक आज के सत्र में अस्थिर रहेगा और यह 96.85-98.10 के दायरे में कारोबार कर सकता है।
दूसरी ओर, रुपया रिकॉर्ड निचले स्तरों से उबर गया। बुधवार को संपन्न अपनी मौद्रिक नीति बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखने के बाद रुपये में कुछ सुधार दिखा। मूडीज द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था पर स्थिर रेटिंग आउटलुक के बाद घरेलू शेयर बाजारों में मजबूत बढ़त के बीच रुपए में भी तेजी आई। सितंबर महीने का जीएसटी संग्रह भी उम्मीद से अधिक रहा और इससे रुपए को समर्थन मिला। हालांकि, उच्च अमेरिकी व्यापार शुल्क और भू-राजनीतिक तनाव रुपए की बढ़त को सीमित कर सकते हैं।
जैन का कहना है किहम उम्मीद करते हैं कि डॉलर सूचकांक में अस्थिरता, घरेलू इक्विटी बाजारों में अस्थिरता और अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल आंकड़ों के बीच आज के सत्र में रुपया अस्थिर रहेगा और आज के सत्र में एक पेयर 88.3500-89.3000 की सीमा में कारोबार कर सकता है।