मुंबई। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों ने पिछले साल जनवरी में देखे गए स्तर को फिर से हासिल कर लिया है। इससे पहले समूह के खिलाफ शॉर्ट-सेलर हेज फंड हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों से समूह के शेयरों में बिकवाली शुरू हो गई थी, जिससे निवेशकों की अरबों डॉलर की संपत्ति खत्म हो गई थी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर शुक्रवार को अडानी अदानी एंटरप्राइजेज का स्टॉक 2.1 प्रतिशत बढ़कर 3,457.85 रुपए के इंट्रा-डे हाई पर पहुंच गया, जो कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने से एक दिन पहले 24 जनवरी, 2023 को 3,442 रुपए पर था। 27 फरवरी को यह गिरकर 1,194.20 रुपए के निचले स्तर पर आ गया। तब से, स्टॉक लगभग तीन गुना बढा है।
हालांकि यह शेयर कारोबार के अंत में शुक्रवार को 3384 पर बंद हुआ लेकिन पिछले 11 कारोबारी सत्रों में स्टॉक की कीमतों में 22 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। गुरुवार तक लगातार 5 दिन रैली रही जब यह 8.3 प्रतिशत बढ़ गया।
अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस और अडानी पावर के शेयर पहले ही अपने पूर्व-हिंडनबर्ग स्तर को पार कर चुके हैं, लेकिन अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडानी विल्मर को अभी भी उन स्तरों पर वापस आना होगा। गुरुवार को, समूह का कुल बाजार पूंजीकरण 17.23 ट्रिलियन रुपए (207.6 अरब डॉलर) था, लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले की तुलना में यह अभी भी लगभग 22 अरब डॉलर कम है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अपने हवाई अड्डों और नए ऊर्जा व्यवसायों को वित्तपोषित करने के लिए लगभग एक अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही है।