मुंबई। स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ने 30 मई 2024 से 14 कंपनियों के प्राइस बैंड में बदलाव किया गया है। प्राइस बैंड को सर्किट लिमिट्स भी कहते हैं। प्राइस बैंड, एक्सचेंज द्वारा सेट किया गया सुरक्षा उपाय है। जब बहुत ही कम समय में स्टॉक के प्राइस बहुत तेजी से घटते बढ़ते है, तब उस पर नियंत्रण के लिए यह काम आता है।
जब प्राइस एक्सचेंज द्वारा निर्धारित सीमा तक ऊपर जाता है तो अपर और सीमा तक नीचे आता है तो लोअर सर्किट हिट होती है। ऐस में उस विशेष स्टॉक या कांट्रैक्ट के लिए उस सर्किट प्राइस पर ऑर्डर पेंडिंग रहते हैं।
आसान शब्दों में कहें तो प्राइस बैंड वह प्राइस रेंज है जिसके अंदर ही स्टॉक में उस दिन के लिए ट्रेड कर सकतें है। सर्किट लिमिट 2 से 20 फीसदी के बीच में हो सकती हैं। यह लिक्विडिटी, वॉल्यूम और शेयरों की कैटेगरी के आधार पर तय होती है।