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वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों से गोल्ड लोन पोर्टफोलियो की समीक्षा करने को कहा

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नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार द्वारा नियामक मानदंडों का अनुपालन न करने के मामले सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी बैंकों से अपने गोल्‍ड लोन (स्वर्ण ऋण) पोर्टफोलियो की समीक्षा करने को कहा है। वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), जो वित्त मंत्रालय का हिस्सा है, ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों को पत्र लिखा और उनसे गोल्‍ड लोन से संबंधित अपनी प्रणाली और प्रक्रियाओं को देखने के लिए कहा।

डीएफएस ने सबसे पहले 27 फरवरी को एक पत्र जारी किया था और सभी सरकारी बैंकों को 1 जनवरी, 2022 के बाद जारी किए गए प्रत्येक गोल्‍ड लोन खाते की समीक्षा करनी थी। डीएफएस चाहता था कि बैंक गोल्‍ड लोन अकाउंटस की पूरी समीक्षा करें।

यह सर्कुलर साल-दर-साल आधार पर गोल्ड लोन में बढ़ोतरी के मद्देनजर जारी किया गया था। सोने की कीमतों में 16.6 फीसदी की तेजी की तुलना में गोल्‍ड लोन में 17 फीसदी की वृद्धि हुई। 26 जनवरी तक सोने के आभूषणों के बदले कर्ज 1.01 लाख करोड़ रुपए था। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उसने गोल्‍ड लोन पोर्टफोलियो के संबंध में गैर-अनुपालन के मामलों को देखा है और इसलिए निर्देश जारी किया है।

देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पास अकेले दिसंबर 2023 तक 30,881 करोड़ रुपए का गोल्ड लोन पोर्टफोलियो है। तीसरी तिमाही के अंत में पंजाब नेशनल बैंक का गोल्ड लोन एक्सपोजर 5,315 करोड़ रुपए था जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा का गोल्ड लोन 3,682 करोड़ रुपए था।

आरबीआई के नियमों के मुताबिक, बैंक या गोल्ड लोन फाइनेंस फर्म आभूषण के मूल्य का केवल 75 प्रतिशत ही प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, कठिनाई को कम करने के लिए COVID-19 अवधि के दौरान छूट दी गई थी।

पिछले हफ्ते, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड पर गोल्‍ड लोन स्वीकृत करने या वितरित करने या उसके किसी भी गोल्‍ड लोन को आवंटित करने, प्रतिभूतिकरण करने या बेचने पर रोक लगा दी थी। हालांकि, आरबीआई ने अपने आदेश में कहा कि आईआईएफएल को सामान्य संग्रह और वसूली प्रक्रियाओं के माध्यम से अपने मौजूदा गोल्‍ड लोन पोर्टफोलियो की सेवा जारी रखने की अनुमति दी गई थी।

आरबीआई ने अपने हालिया ऑडिट में कहा कि उसे आईआईएफएल फाइनेंस के 67 फीसदी गोल्ड लोन खाते में गोल्ड लोन-टू-वैल्यू अनुपात में विचलन मिला है। वित्त वर्ष 2013 में आईआईएफएल द्वारा दिए गए 18.9 लाख गोल्‍ड लोन में से 82,000 खाते उधारकर्ताओं द्वारा डिफ़ॉल्ट के कारण नीलामी के लिए गए हैं। इन 82,000 खातों में से आरबीआई के निरीक्षण में नीलामी के समय 55,000 खातों में गड़बड़ी पाई गई है।

आरबीआई ने आईआईएफएल को अपने नकद संवितरण की सीमा 2 लाख रुपए तक सीमित करने के लिए भी कहा है, जबकि पहले 2 लाख रुपए तक नकद वितरण की व्यवस्था थी। जवाब में, आईआईएफएल ने कहा कि गोल्ड लोन कारोबार पर रोक हटने के बाद वह वैधानिक सीमा का अनुपालन करेगा।

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