मुंबई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मंगलवार को क्रूड ऑयल में नरमी रही। डब्ल्यूटीआई क्रूड 70.38 डॉलर और ब्रेंट 76.02 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। घरेलू बाजार में भी क्रूड ऑयल 1.39 फीसदी गिरकर 5,943 रुपए प्रति बैरल पर बंद हुआ।
शुरुआती कारोबारी सत्र में कच्चे तेल की कीमत में बहुत अधिक अस्थिरता देखी गई और इसमें बढ़त हुई, लेकिन डॉलर इंडेक्स में मजबूत बढ़त के बीच यह अपनी बढ़त बरकरार रखने में असमर्थ रहा। अमेरिकी डॉलर सूचकांक ने अक्टूबर 2023 के बाद मंगलवार को सबसे बड़ी एक दिन की बढ़त दर्ज की और तेल की कीमतों में गिरावट आई। यूरो-ज़ोन फ़ैक्टरी गतिविधियों में लगातार 18वें महीने गिरावट के बीच कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट आई। यूरो और पाउंड स्टर्लिंग भी फिसल गए और डॉलर सूचकांक का समर्थन किया और तेल की कीमतों को नीचे ला दिया। हालांकि, लाल सागर में तनाव के कारण तेल की कीमतों को निचले स्तर पर समर्थन मिल रहा है। हमें उम्मीद है कि डॉलर इंडेक्स में अस्थिरता और लाल सागर में तनाव के बीच इस सप्ताह के सत्र में कच्चे तेल की कीमतें अस्थिर रहेंगी और डब्ल्यूटीआई 66.00-76.00 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार कर सकता है।
पृथ्वी फिनमार्ट के कमोडिटी डाइरेक्टर मनोज कुमार जैन का कहना है कि आज के सत्र में क्रूड ऑयल को 69.50–68.80 डॉलर पर सपोर्ट और 71.20-72.00पर रेजिस्टेंस है। घरेलू बाजार में क्रूड ऑयल को सपोर्ट 5,833-5,724 रुपए पर जबकि रेजिस्टेंस 6,100-6,258 रुपए पर है। स्टॉप-लॉस का सख्ती से पालन करें।
जैन का कहना है कि नेचुरल गैस में बहुत अधिक अस्थिरता देखी गई और यह अपने उच्चतम स्तर से फिसल गई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में शुरुआती कारोबारी सत्र में नेचुरल गैस में 7.0 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई, लेकिन यूरो-जोन फैक्ट्री गतिविधियों में कमी आने और डॉलर इंडेक्स में मजबूती के बाद कीमतों में एक बार फिर से गिरावट आई। हमें उम्मीद है कि नेचुरल गैस की कीमतें आज भी अस्थिर रहेंगी और यह 211-229 के दायरे में कारोबार कर सकती है।