मुंबई। भारतीय बाजार में निरंतर तेजी के कारण मार्च में पहली बार भारत में डीमैट खातों की कुल संख्या 15 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई।
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घरेलू ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, मार्च 2024 में डीमैट खातों की कुल संख्या बढ़कर 15.1 करोड़ हो गई, जबकि पिछले महीने में नए खाते जुड़ने की संख्या 31 लाख थी।
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मजबूत मैक्रो संकेतों, दर में कटौती की उम्मीद, निरंतर विदेशी निवेशक प्रवाह के साथ-साथ समग्र सकारात्मक वैश्विक बाजार रुझानों के कारण मार्च में भारतीय बेंचमार्क निफ्टी 1.5 प्रतिशत बढ़ गया। इसके अलावा, आगामी 2024 के आम चुनावों में मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल को बरकरार रखने की उम्मीद से भी निवेशकों के सेंटीमेंट को मदद मिली।
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ब्रोकरेज फर्म ने यह भी बताया कि मार्च में, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) ने कुल डीमैट खातों और महीने-दर-महीने (एमओएम) आधार पर बाजार हिस्सेदारी हासिल करते हुए अपना ऊपर की ओर बढ़ना जारी रखा। इसके विपरीत, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने साल-दर-साल कुल/वृद्धिशील डीमैट खाता बाजार हिस्सेदारी में 390bp/570bp की गिरावट देखी।