मुंबई। एसएमई एक्सचेंजों पर आईपीओ ऑफर का सिलसिला अगले कुछ हफ्तों में और अधिक गति पकड़ने वाला है। तकरीबन 30-35 कंपनियां चालू वित्त वर्ष समाप्त होने से पहले 1,200-1,500 करोड़ रुपए जुटाने के लिए बाजार में उतरने की योजना बना रही हैं।
जिन कंपनियों को बाजार रेगुलेटर सेबी से मंजूरी मिल गई है, उन्हें मार्च-अंत की समय सीमा से पहले बाजार में आईपीओ के साथ आना होगा, या उन्हें अपनी वित्त वर्ष के अंत की बैलेंस शीट जमा करनी होगी। कुल मिलाकर, 12 कंपनियों ने प्रति सप्ताह लगभग दो आईपीओ की दर से इस साल अब तक 1,133 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
होलानी कंसल्टेंट्स के निदेशक अशोक होलानी ने कहा कि आने वाले दिन एसएमई आईपीओ बाजार के लिए सबसे व्यस्त होंगे, क्योंकि कंपनियां मार्च-अंत की समय सीमा को पार करने के लिए दौड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि बाजार एसएमई बाजार में इस तरह के आईपीओ को आसानी से पचा सकता है, क्योंकि अकेले म्यूचुअल फंड की व्यवस्थित निवेश योजनाओं के माध्यम से इक्विटी बाजारों में हर महीने लगभग 18,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाता है।
इस महीने 14.16 करोड़ जुटाने के लिए प्राइमरी मार्केट में आने वाली रुद्र गैस एंटरप्राइज ने 350 करोड़ रुपए का आईपीओ उतारा और प्रति शेयर प्राइस 63 रुपए था। यह शेयर 126 रुपए पर सूचीबद्ध हुआ और अब 168 रुपए पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह, श्री मारुतिनंदन ट्यूब्स, जो 14 करोड़ जुटा रही है, को 640 करोड़ रुपए का सब्सक्रिप्शन मिला।
एक स्वतंत्र बाजार विश्लेषक मधुसूदन साहा ने कहा कि एसएमई में निवेशक केवल लिस्टिंग लाभ देख रहे हैं और कंपनियों के बुनियादी सिद्धांतों के बारे में चिंतित नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि प्राइमरी एसएमई बाजार जोखिमपूर्ण होता जा रहा है और केवल उच्च जोखिम उठाने की क्षमता वाले निवेशकों को ही इस क्षेत्र में उद्यम करना चाहिए, क्योंकि एक गलत दांव निवेशकों की पूरी बचत को खत्म कर सकता है।
लौह और अलौह क्षेत्रों में टर्नकी/ईपीसी ठेकेदार एटमास्टको के हालिया 56 करोड़ रुपए के आईपीओ को 940 करोड़ रुपए का सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें 399 करोड़ रुपए का एचएनआई सब्सक्रिप्शन मिला और खुदरा निवेशकों ने 487 करोड़ रुपए का निवेश किया।
संचयी रूप से 4,425 करोड़ रुपए जुटाने के लिए पिछले साल पूरे किए गए 164 आईपीओ को 2.8 लाख करोड़ रुपए की बोलियां प्राप्त हुईं। दिलचस्प बात यह है कि सूचीबद्ध एसएमई का कुल बाजार पूंजीकरण हाल ही में 1 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है।
पिछले साल 24 करोड़ रुपए जुटाने वाले चमन मेटालिक्स के पहले आईपीओ को लगभग 4,800 करोड़ रुपए की बोलियां मिलीं, जबकि एक्सेंट माइक्रोसेल, जिसने अपने आईपीओ के माध्यम से 78 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई थी, को लगभग 20,000 करोड़ रुपए की बोलियां मिलीं। श्रीवारी स्पाइसेस के 9 करोड़ रुपए के आईपीओ ने 3,000 करोड़ रुपए अर्जित किए।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)