नई दिल्ली। चावल और धान की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच जमाखोरी को रोकने के लिए, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं सहित सभी मिल मालिकों और व्यापारियों को अपना साप्ताहिक आधार पर चावल के स्टॉक का खुलासा करने का निर्देश दिया।
व्यापारियों को प्रत्येक शुक्रवार को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर अपना स्टॉक ऑनलाइन घोषित करने का आदेश दिया गया है। संबंधित कानूनी संस्थाओं यानी व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं, प्रोसेसर/मिलर्स को टूटे हुए चावल, गैर-बासमती सफेद चावल, उबले हुए चावल, बासमती चावल और धान जैसी श्रेणियों में धान और चावल की स्टॉक स्थिति घोषित करनी होगी।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आदेश जारी होने के 7 दिनों के भीतर इन संस्थाओं द्वारा चावल की स्टॉक स्थिति घोषित की जाएगी। घरेलू मोर्चे पर, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में धान की कीमतें पिछले कुछ महीनों में 40 फीसदी तक बढ़ गई हैं।
इसी तरह, इस खरीफ सीजन में अच्छी फसल होने, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास पर्याप्त स्टॉक होने के साथ-साथ खरीद के लिए पाइपलाइन में होने और निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद चावल की घरेलू कीमत बढ़ रही है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल खुदरा कीमतों में 14.51 फीसदी की वृद्धि हुई है।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)