नई दिल्ली। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के पास 1 फरवरी तक चावल का स्टॉक साल दर साल 24 फीसदी और महीने दर महीने 16 फीसदी बढ़कर 210 लाख टन हो गया। चावल का स्टॉक 1 जनवरी के लिए 56 लाख टन की बफर आवश्यकता से कहीं अधिक था।
अनियमित जलवायु परिस्थितियों के कारण उत्पादन कम होने से चावल की घरेलू कीमतें मजबूत हो गई हैं। उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार, सोमवार को चावल का अखिल भारतीय औसत थोक मूल्य 3,882.63 रुपए प्रति 100 किलोग्राम था, जो एक साल पहले के 3,366.39 रुपए से 516.24 रुपए और एक महीने पहले से 49.5 रुपए अधिक था।
चावल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, सरकार ने पिछले सप्ताह “भारत चावल” की बिक्री शुरू की है, जिसके तहत खुदरा दुकानों के माध्यम से 29 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर चावल बेचा जाएगा। सरकार ने व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और मिल मालिकों को इस सप्ताह से शुरू होने वाले हर शुक्रवार को अपने पास मौजूद चावल के स्टॉक का खुलासा करने का भी निर्देश दिया है।
सरकार की खुली बाज़ार बिक्री योजना में चावल का उठाव प्रस्तावित मात्रा से कम रहा है। एफसीआई द्वारा खुले बाजार में बिक्री के लिए पेश किए गए 36,000 टन चावल में से बुधवार को नीलामी में केवल 6,000 टन चावल बेचा गया। इस साल अब तक, एफसीआई ने अपनी पेशकश की गई 70 लाख टन से अधिक में से केवल 172,120 टन चावल बेचा है।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)