भारत में चांदी की फिजिकल मांग 46 फीसदी घटी

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मुंबई। चांदी के वैश्विक बाजार में 2023 में लगातार तीसरे साल कमी रहेगी, लेकिन अमेरिका स्थित द सिल्‍वर इंस्‍टीट्यूट के अनुसार यह कमी 2022 में 2530 लाख औंस के आल टाइम हाई से घटकर 1400 लाख औंस तक कम हो जाएगा, जो 45 फीसदी कम है।

इस साल चांदी की वैश्विक मांग 10 फीसदी गिरकर 1.14 अरब औंस होने का अनुमान है, जो 2022 में 1.27 अरब औंस थी। औद्योगिक एपलीकेशन में बढ़तसे अन्य सभी प्रमुख क्षेत्रों में नुकसान ऑफसेट हो जाएगा। गिरावट के बावजूद, कुल मांग ऐतिहासिक मानकों से बढ़ी हुई है , जिससे 2023 का आंकड़ा मेटल्स फोकस की डेटा श्रृंखला में दूसरा सबसे बड़ा हो गया है।

2023 में औद्योगिक मांग 8 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 6320 लाख औंस होने का अनुमान है, सबसे ज्‍यादा मांग फोटोवोल्टिक, पावर ग्रिड और 5 जी नेटवर्क में निवेश, साथ ही ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स और सहायक बुनियादी ढांचे से हैं।

संस्‍था ने कहा कि फोटोवोल्टिक्स में सुधार विशेष रूप से ध्यान देने योग्य है क्योंकि इससे इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल मांग को बढ़ाने में मदद मिली। भारत और जर्मनी की कमजोर मांग के कारण 2023 में चांदी के लिए फिजिकल निवेश 21 फीसदी घटकर 2630 लाख औंस होने का अनुमान है, जो तीन साल का निचला स्तर है। भारत में फिजिकल मांग में 46 फीसदी की गिरावट आई है क्योंकि निवेशकों को रिकॉर्ड उच्च स्थानीय कीमतों और मुनाफावसूली के कारण निराशा हुई है।

चांदी के आभूषणों की मांग 22 फीसदी घटकर 1820 लाख औंस होने की संभावना है और मुख्‍य उपभोक्ता भारत से मांग में गिरावट के कारण 2023 में चांदी के बर्तनों की मांग 47 फीसदी घटकर 390 लाख औंस होने की संभावना है, क्योंकि 2022 में उछाल के बाद मांग सामान्य हो गई है।  

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को छोड़कर वैश्विक स्तर पर चांदी के आभूषणों की मांग 2023 में थोड़ी अधिक बढ़ने की उम्मीद है, जबकि चांदी के बर्तनों की मांग में 12 फीसदी की गिरावट आएगी।

संस्थान ने कहा कि लगातार दूसरे साल, लगातार वित्तीय तंगी और इसके परिणामस्वरूप वास्तविक अवधि में यील्‍ड में बढ़ोतरी के कारण चांदी के एक्सचेंज-ट्रेडेड उत्पादों में आउट फ्लो दिखने की संभावना है।

मेक्सिको और पेरू में कम उत्पादन के कारण 2023 में वैश्विक खनन चांदी का उत्पादन 2 फीसदी घटकर 8200 लाख औंस होने की उम्मीद है। चांदी उत्पादन की समग्र-स्थायी लागत में साल-दर-साल दो अंकों की वृद्धि होगी।

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