मुंबई। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने अपने 10,000 करोड़ रुपए के आईपीओ को संभालने के लिए चार निवेश बैंकों को चुना है। यह आईपीओ 2022 में आए भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ के बाद किसी सरकारी कंपनी का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
योजना से वाकिफ लोगों के मुताबिक, वित्तीय और तकनीकी बोलियों के बाद आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज, एचडीएफसी बैंक, आईआईएफएल सिक्योरिटीज और नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट को चुना गया है। आईडीबीआई कैपिटल की बोली सबसे कम रही।
आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग एनटीपीसी की सहायक कंपनी की सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया की चल रही और भविष्य की परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए किया जाएगा।
एनटीपीसी ग्रीन को मूल कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों को कंसोलिडेशन करने के लिए एनटीपीसी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में अप्रैल 2022 में शामिल किया गया था। एनटीपीसी ने पहले एनटीपीसी ग्रीन में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी एक रणनीतिक निवेशक को बेचने की योजना बनाई थी। मलेशियाई ऊर्जा प्रमुख पेट्रोनास 46 करोड़ डॉलर की पेशकश के साथ हिस्सेदारी के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी। हालांकि, बाद में कंपनी ने हिस्सेदारी बिक्री नहीं की।
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025 में आईपीओ के साथ बाजार में उतरने का है। एनटीपीसी ग्रीन 25-26 गीगावॉट से कम की पाइपलाइन पर काम कर रहा है, जिसमें से लगभग 8 गीगावॉट निर्माणाधीन है। एनटीपीसी ग्रीन ने जनवरी में महाराष्ट्र सरकार के साथ हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया और हरित मेथनॉल जैसे 10 लाख टन प्रति वर्ष की क्षमता विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें 2 गीगावाट पंप भंडारण परियोजनाएं और 5 गीगावाट का विकास शामिल है। समझौते में लगभग 80,000 करोड़ रुपए के संभावित निवेश की परिकल्पना की गई है।