मुंबई। क्रिप्टो करेंसी दिन प्रतिदिन नई ऊंचाइयां छू रही है। लेकिन लोगों में अब भी इसमें निवेश को लेकर काफी असमंजस है। आइटीएसब्लॉकचेन के हितेश मालवीय का कहना है कि हमारी साइट क्रिप्टो करेंसी की भारत की सबसे पहली पब्लिकेशन साइट है। हमने अभी तक लगभग 10 हजार लोगों को क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट के बारे में सिखाया है।
वे कहते हैं क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का सबसे बेस्ट तरीका है, जिस प्रकार आप म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते हैं, उस प्रकार इन्वेस्ट करना। या फिर मंथली डिपॉजिट भी अच्छा रहेगा। बिट कॉइन ने 1000 फीसदी से भी ज्यादा रिटर्न दिया है लेकिन तीन साल तक होल्ड किए जाने पर। इसलिए कम समय के लिए इन्वेस्ट करने से बचें। लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करने की सोचें।
मालवीय का कहना है कि पेपर करेंसी केवल सरकार और उन लोगों के द्वारा ही मैनेज होती है जो सेंट्रल बैंक आदि से किसी प्रकार जुड़े हुए हैं। यह सिस्टम 2008 में ही फेल हो चुका था जब भ्रष्टाचार, लालच और मैनेजमेंट की कमी के कारण मंदी आ गई थी। इसी समय क्रिप्टो ग्रेफर और टेक विजनरी लोगों ने कागजी पैसों के अलावा भी मनी के विकल्प के बारे में विचार करना शुरू किया था। सतोशी नाकामोटो ने अक्टूबर 2018 में व्हाइट पेपर लॉन्च किया था और यह वह समय था जब बिट कॉइन का जन्म हुआ था। बिट कॉइन का पेमेंट सिस्टम अलग है और यह सेंट्रल अथॉरिटी द्वारा नहीं चलाया जाता है। इसमें सप्लाई को फिक्स किया गया है जो हर 4 साल में आधी हो जाती है। बिट कॉइन कुछ हाई कंप्यूटेड स्रोतों द्वारा मैनेज और गवर्न किया जाता है।
मालवीय कहते हैं कि जब से कोरोना महामारी आई है तब से क्रिप्टो करेंसी ने काफी प्रसिद्धि पाई है। इसलिए यह जल्द ही पॉपुलर कल्चर का हिस्सा बन जाएगी। मेरा मानना है की आने वाले समय में हमारे पास स्टॉक इन्वेस्टर से अधिक क्रिप्टो इन्वेस्टर की संख्या होगी। मेरे विचार से आने वाले सालों में भारत जैसे कुछ देशों में सेंट्रल बैंक द्वारा भी डिजिटल करेंसी इश्यू होनी शुरू हो जाएगी। ब्लॉक चैन जिंदगियों का एक हिस्सा बन जायेगा।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)