मुंबई। दक्षिण कोरिया की हुंडई मोटर अपनी भारतीय इकाई का आईपीओ लाकर 17.5 प्रतिशत तक हिस्सेदारी कम करने पर विचार कर रही है। विदेशी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह कार निर्माता कंपनी ड्राफ्ट पेपर दाखिल करने की योजना बना रही है। इसका लक्ष्य आईपीओ के माध्यम से 2.5 अरब डॉलर से 3 अरब डॉलर जुटाने का है। मारुति सुजुकी इंडिया के बाद हुंडई देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है।
यह आईपीओ 2003 में मारुति सुजुकी के सूचीबद्ध होने के बाद 20 से अधिक वर्षों में भारत में किसी वाहन निर्माता द्वारा पहला आईपीओ होगा। अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बाद भारत हुंडई का तीसरा सबसे बड़ा राजस्व जनरेटर है। यह भारत में बढ़ती बाजार संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए आईपीओ का विकल्प चुन रहा है।
हुंडई ने पूंजी बाजार में अपने प्रवेश को आसान बनाने और इसे सफल बनाने के लिए कोटक महिंद्रा, सिटीबैंक, मॉर्गन स्टेनली, जेपी मॉर्गन और एचएसबीसी जैसे निवेश बैंकों को शामिल किया है।
बाजार नियामक सेबी द्वारा ड्राफ्ट पेपर दाखिल करने के 60-90 दिनों के भीतर अपनी मंजूरी देने की उम्मीद है, जिससे पता चलता है कि हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ संभावित रूप से सितंबर या अक्टूबर में डी-स्ट्रीट पर आ सकता है।
बिक्री के मामले में, ऑटो कंपनी ने मई में 63,551 इकाइयों की कुल बिक्री में साल-दर-साल 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 59,601 इकाई थी।