टर्म इंश्योरेंस खरीदने के पहले क्या कभी आपने अपनी खुद की कीमत जानने की कोशिश करी है, (What is the cost of life? How Much Insurance required?) वैसे तो जिंदगी की कीमत कोई नहीं लगा सकता है क्योंकि यह अनमोल है। लेकिन किसी भी आकस्मिक अनचाही दशा से निपटने के लिए हमें हर समय तैयार रहना चाहिए और अपने परिवार और खुद के लिए हमें बीमा खरीदना चाहिए। जिससे किसी अनहोनी की दशा में कम से कम हमें या परिवार को सहारा रहे। हालांकि पैसा किसी इंसान की कमी को पूरा नहीं कर सकता है, लेकिन कम से कम आपके पास अच्छे से रहने का विकल्प उपलब्ध करवाता है। जिस जीवन स्तर पर आप अभी रह रहे हैं और अगर कमाने वाले की ही मृत्यु हो जाती है तो कम से कम अभी के मौजूदा जीवन स्तर पर तो आप अपना जीवन यापन कर पाएं और आगे के जो भी लक्ष्य हैं वे पूर्ण कर पाएं।
यह जानकारी केवल कमाने वाले के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि उनके ऊपर आश्रित परिवार के लिए उससे भी ज्यादा जरूरी है, क्योंकि अगर कमाने वाले के साथ कोई अनहोनी होती है तो कम से कम वे लिए गए बीमा का सही तरीके से उपयोग अपने जीवन में कर पाएं। इसलिए खुद के साथ-साथ अपने परिवार को भी वित्तीय ज्ञान देना बहुत आवश्यक है।
जैसे हम बाजार जाते हैं तो हम हर वस्तु की कीमत उस पर लिखी हुई देख सकते हैं, क्या हम वैसे ही अपनी जिंदगी की कीमत भी लगा सकते हैं? लेकिन हमें किसी न किसी प्रकार तो अपनी जिंदगी की कीमत की गणना करनी ही चाहिए, तभी हम सही रकम का टर्म इंश्योरेंस खरीद सकते हैं। हमें अपनी कमाई और अपने खर्चों को देखकर ही अपनी जिंदगी की कीमत की गणना करनी चाहिए। जितना आपका खर्चा है उसमें उतने वर्ष से गुणा कर दीजिये, जितने वर्ष आपके सेवानिवृत्ति के बचे हैं, तो आपको मोटे तौर पर अपने जीवन की कीमत पता चल जायेगी। ध्यान रखें इसमें हर वर्ष अपने खर्चों में लगभग 10-15 प्रतिशत बढ़ा लें, क्योंकि हर वर्ष मुद्रास्फीति और महंगाई भी बढ़ती जाएगी।
यह कोई अंगूठाछाप नियम नहीं है जीवन की कीमत पता लगाने का, लेकिकन इसमें आप अपने बहुत से लक्ष्यों को जोड़ सकते हैं। हम इस बात को साधारण तरीके से भी समझ सकते हैं जैसे कि अगर आज की कमाई छह लाख रूपए सालाना है और उम्र लगभग 35 वर्ष है और सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष है, तो सेवानिवृत्ति के 25 वर्ष बाकी हैं, यहां व्यक्ति को कम से कम 10 गुना 60 लाख रूपयों का टर्म इंश्योरेंस और अधिकतम 20 गुना याने कि 1.20 करोड़ रूपए का बीमा लेना चाहिए। अगर गृह ऋण ले रखा है तो गृह ऋण को भी टर्म इंश्योरेंस की रकम में जोड़ना चाहिए। यहां अगर ऋण 20 लाख रूपए बकाया है तो आपको 1.40 करोड़ रूपए का टर्म इंश्योरेंस लेना चाहिए।
याद रखिये कि जीवन की कीमत हम केवल आज के खर्चों और आने वाले खर्चों के अनुमान से ही लगा सकते हैं। जीवन की कीमत अनमोल है, समय समय पर अपने जीवन की कीमत लगाकर देख लेना चाहिए कि कहीं बीमा कम तो नहीं रह गया, अगर कमाई बढ़ती है और जिम्मेदारियां बढ़ती हैं तो आपको बीमे की रकम बढ़ानी चाहिए, जिससे जिन अपनों के लिए आप बीमा ले रहे हैं यानि कि परिवार के लिए, तो वे आपकी अनुपस्थिति में कम से कम आपकी इस छोटे और बेहद महत्वपूर्ण निर्णय से हमेशा खुश रह सकें।