सबसे पहली बात कि आपका आकस्मिक फंड यानि की आकस्मिक रकम हमेशा आपके पास तैयार होनी चाहिए, जो कि आपके बचत खाते से जुड़े मियादी जमा के रूप में होनी चाहिए। या फिर किसी म्युचुअल फंड में जो कि बहुत उतार चढ़ाव वाला न हो, क्योंकि आजकल म्युचुअल फंड से भी आपको पैसा मात्र 24 घंटों में ही आपके खाते में जमा हो जाता है।
अब आते हैं सवाल की और कि क्या अपने जीवन बीमा में भरने वाली रकम पर ऋण ले सकता हूं, जी हां अगर आपका जीवन बीमा एन्डोमेंट पॉलिसी है तो आप जीवन बीमा के लिए जमा की गई रकम के विरूद्ध ऋण ले सकते हैं। बैंक आपकी जीवन बीमा कंपनी की पॉलिसी को लेगा और उस पर ऋण लिया गया है, का स्वत्व लगवा कर जीवन बीमा कंपनी को निर्देशित कर देगा। और आपको एक डिमांड लोन याने कि मांग ऋण दे देगा। कई बैंके इस ऋण को अधविकर्ष खाता यानि कि ओवरड्रॉफ्ट भी कहते हैं।
इस ऋण की वजह से आप अपनी जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर नहीं कर पाएंगे, जब तक कि आप पूरा पैसा बैंक को जमा नहीं करवा देते और अपनी पॉलिसी को बैंक के स्वत्व से छुड़ा नहीं लेते।
आजकल तो कई जीवन बीमा कंपनियां खुद भी अपनी एन्डोमेंट पॉलिसी के विरूद्ध ऋण दे देती हैं।
जीवन बीमा पॉलिसी के विरूद्ध लिए गए ऋण पर हर बैंक का अपना अलग ब्याज दर हो सकता है। और वैसे ही कितनी रकम वे आपको ऋण देंगे, ये बैंक ही आपको बताएगा, अगर जीवन बीमा कंपनी से ऋण लेते हैं तो वहां प्रोसेस सरल है और आसानी से ऋण मिल जाता है। हां, थोड़ी ब्याज दर ज्यादा हो सकती है।
ध्यान रखें कि जीवन बीमा पॉलिसी पर ऋण तभी मिलेगा जब कि आपकी जीवन बीमा पॉलिसी एन्डोमेंट है, अगर टर्म इंश्योरेंस है तो आपको आपकी जीवन बीमा पॉलिसी पर कोई ऋण नहीं मिलेगा, क्योंकि टर्म बीमा में कोई सरेंडर वैल्यू नहीं होती है। अगर मनी बैक पॉलिसी है और अगर कोई पेमेंट आनी है तो बीमा कंपनी उस मनी बैक को अपने ऋण में जमा कर लेगी। वह रकम ग्राहक को नहीं दी जाएगी, क्योंकि उस जीवन बीमा पॉलिसी पर ऋण चल रहा है।
ऋण लेने के बावजूद आपका जीवन बीमा चलता रहेगा, अगर जीवन को किसी भी प्रकार का आघात लगता है तो नामांकित व्यक्ति को अपना दिया गया ऋण की रकम काटकर जीवन बीमा कंपनी पैसा दे देती है।