नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा बुधवार की नीलामी में 4.25 लाख टन गेहूं बेचे जाने के साथ, भारत सरकार ने 28 जून से खुले बाजार में अब तक 75.26 लाख टन गेहूं बेचा है।
खाद्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि 31 जनवरी को आयोजित साप्ताहिक नीलामी में पेश किए गए 4.5 लाख टन में से 4.25 लाख टन बेचा गया। सरकार ने वर्तमान नीलामी के दौरान प्रस्ताव की मात्रा में वृद्धि नहीं की है, सूत्रों का कहना है कि इसका मुख्य कारण गेहूं की फसल पर वर्तमान मौसम के प्रभाव के आधार पर अंतिम समय में पुनर्विचार करना है। हालांकि, मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि जल्द ही इसकी समीक्षा की जा सकती है और अगर जरूरत महसूस हुई तो मात्रा बढ़ाई जाएगी।
बुधवार को एफसीआई की साप्ताहिक ई-नीलामी में गेहूं का औसत बिक्री मूल्य 2,255.35 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि पिछले सप्ताह यह 2,250.55 रुपए प्रति क्विंटल था। 13 दिसंबर को यह 2,172.94 रुपए प्रति क्विंटल था।
सरकार ने नीलामी में गेहूं का आरक्षित मूल्य लगभग 2,129 रुपए प्रति क्विंटल रखा है, जो अनाज की आर्थिक लागत 2,703 रुपए से अब काफी कम है।
मौजूदा दौर में, पूर्वी क्षेत्र में औसत बिक्री मूल्य 2,306 रुपए प्रति क्विंटल , न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,275 रुपए (अगले सीज़न के लिए) से अधिक था, जबकि अन्य क्षेत्रों में कीमतें 2,158 रुपए और 2,260 रुपए के बीच थीं। बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों में, उच्चतम बोली मूल्य 2,550 रुपए प्रति क्विंटल था, उत्तर प्रदेश में यह 2,560 रुपए, महाराष्ट्र में 2,495 रुपए, मध्य प्रदेश में 2,480 रुपए, गुजरात में 2,600 रुपए और कर्नाटक में 2,750 रुपए प्रति क्विंटल था।
बता दें कि खुले बाजार में गेहूं और चावल की उपलब्धता बढ़ाने और गेहूं और चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, भारत सरकार 28 जून, 2023 से साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं और चावल को बाजार में उतार रही है। खुले बाजार बिक्री योजना के तहत उतारने के लिए कुल 101.5 लाख टन गेहूं और 25 लाख टन चावल आवंटित किया गया है।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)