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गोदावरी बायोरिफाइनरीज ने आईपीओ के लिए सेबी के पास डीआरएचपी दाखिल किया

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मुंबई। गोदावरी बायोरिफाइनरीज लिमिटेड ने आईपीओ के माध्यम से धन जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ प्रारंभिक मसौदा पत्र दाखिल किया।

इथेनॉल और जैव-आधारित रसायन निर्माता का प्रस्तावित आईपीओ 325 करोड़ रुपए के इक्विटी शेयरों के फ्रेश इश्‍यू और 10 रुपए प्रत्येक के अंकित मूल्य पर 65.27 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश (ओएफएस) का एक संयोजन है।

निजी इक्विटी फर्म मंडला कैपिटल एजी लिमिटेड ओएफएस रूट के जरिए 49.27 लाख शेयर बेच रही है। फ्रेश इश्यू से प्राप्त 240 करोड़ रुपए का उपयोग ऋण भुगतान के लिए और शेष राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स और इक्विरस कैपिटल मार्केट्स सार्वजनिक निर्गम के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं।

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महाराष्ट्र स्थित कंपनी 31 मार्च, 2024 तक 570 केएलपीडी की स्थापित क्षमता के साथ भारत में इथेनॉल-आधारित रसायनों के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। ग्राहक प्रोफ़ाइल में हर्षे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स कर्नाटक केमिकल इंडस्ट्रीज, मेसर्स टेक्नो वैक्सकेम प्राइवेट लिमिटेड समेत कई अन्य प्रमुख खिलाड़ी शामिल हैं।

गोदावरी बायोरिफाइनरीज के विविध उत्पाद पोर्टफोलियो में जैव-आधारित रसायन, चीनी, इथेनॉल के विभिन्न ग्रेड और बिजली शामिल हैं। इन उत्पादों का उपयोग खाद्य, पेय पदार्थ, फार्मास्यूटिकल्स, स्वाद और सुगंध, बिजली, ईंधन, व्यक्तिगत देखभाल और सौंदर्य प्रसाधन जैसे कई उद्योगों में किया जाता है।

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31 मार्च, 2024 तक, कंपनी के पास स्थापित क्षमता के मामले में भारत में सबसे बड़ी एकीकृत जैव-रिफाइनरी थी और यह स्थापित क्षमता के मामले में दुनिया भर में एमपीओ का सबसे बड़ा निर्माता भी था, प्राकृतिक 1,3 ब्यूटिलीन ग्लाइकोल के केवल दो निर्माताओं में से एक था। और फ्रॉस्ट एंड सुलिवन रिपोर्ट के अनुसार, बायो एथिल एसीटेट बनाने वाली भारत की एकमात्र कंपनी है। कंपनी ने 31 मार्च, 2024 को भारत में भारत की पहली जैव-आधारित ईवीई मैन्‍युफैक्‍चरिंग सुविधा स्थापित की।

रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ समाधानों की बढ़ती आवश्यकता के कारण जैव-आधारित रसायनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। 2023 में जैव-आधारित रसायनों का बाजार 97.2 बिलियन डॉलर का था, और 2023 से 2028 तक अगले पांच वर्षों के लिए 10.4 प्रतिशत की सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से बढ़ने की उम्मीद है।

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