नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में अब तक 85 लाख टन गेहूं की बिक्री की है। खुले बाजार योजना के तहत ये बिक्री 2018-19 के 81 ालख टन से जयादा है।
बुधवार को आयोजित अपनी 34वीं नीलामी में, एफसीआई ने बिक्री के लिए पांच लाख टन गेहूं की पेशकश की, जिसमें से रिकॉर्ड 4.80 लाख टन गेहूं 2,236 रुपए प्रति 100 किलोग्राम के भारित औसत बिक्री मूल्य पर बेचा गया, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 23 रुपए कम है।
बुधवार को एफसीआई द्वारा प्रस्तावित 2.63 लाख टन में से उत्तरी क्षेत्र के खरीदारों ने सबसे अधिक 257,540 टन गेहूं खरीदा। उत्तर में भारित औसत बिक्री मूल्य 2,222.41 रुपए प्रति क्विंटल था। पूर्वी क्षेत्र ने 2,271.80 रुपए प्रति क्विंटल की औसत कीमत पर 97,370 टन गेहूं लिया।
सरकार ने पिछले कुछ महीनों में गेहूं, चावल, दाल और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए कुछ उपाय किए हैं। उपभोक्ता मामले विभाग के अनुसार, आज गेहूं का अखिल भारतीय औसत थोक मूल्य साल दर साल लगभग 2 फीसदी कम होकर 2,764.69 रुपए प्रति क्विंटल और महीने पर 1.2 रुपए कम रहा।
हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि 1 फरवरी तक एफसीआई के पास सरकार का गेहूं स्टॉक साल दर साल 14 फीसदी और महीने दर महीने 19 फीसदी गिरकर 132 लाख टन रह गया। यह 2017 के बाद से फरवरी में सबसे कम स्टॉक है, जब यह 115 लाख टन था, लेकिन 1 जनवरी तक 108 लाख टन की बफर मानक आवश्यकता से अधिक है। सरकार की खुले बाजार में बिक्री के कारण केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक गिर गया है।
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