मुंबई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने मंगलवार को घोषणा की कि वह 13 मई से सेंसेक्स और बैंकेक्स इंडेक्स से जुड़े अपने दो प्रमुख ऑप्शन कांट्रैक्टस के लिए लेनदेन शुल्क यानी ट्रांजैक्शन चार्ज बढ़ाएगा।
बीएसई ने अलग-अलग टर्नओवर ब्रैकेट में शुल्क 24 फीसदी से 32 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है। यह निर्णय ऑप्शन कांट्रैक्टस के लिए संशोधित शुल्क ढांचे के लिए सेबी के अनुरोध के बाद लिया गया है, जिससे एक्सचेंज की कमाई पर संभावित प्रभाव पड़ सकता है। बीएसई को सेबी की कुल मांग 1.65 अरब रुपए होने का अनुमान है।
एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स ऑप्शन और एसएंडपी बीएसई बैंकेक्स ऑप्शन के लिए मौजूदा लेनदेन शुल्क 1 मई से 10 मई तक लागू रहेंगे। 13 मई से 31 मई के बीच, इन कांट्रैक्टस के प्रीमियम टर्नओवर को एकत्रित किया जाएगा, और वृद्धिशील टर्नओवर के आधार पर गणना की गई स्लैब के अनुसार लेनदेन शुल्क लगाया जाएगा। जून से शुरू होकर, प्रीमियम टर्नओवर को एकत्रित करना जारी रहेगा, और महीने-दर-महीने वृद्धिशील टर्नओवर (incremental turnover) द्वारा निर्धारित स्लैब के आधार पर लेनदेन शुल्क लागू किया जाएगा।
बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में बीएसई को प्रीमियम टर्नओवर के बजाय अनुमानित टर्नओवर के आधार पर नियामक शुल्क माफ करने को कहा है। स्टॉक एक्सचेंज द्वारा किए गए प्रारंभिक आकलन से संकेत मिलता है कि इस समायोजन के परिणामस्वरूप 165 करोड़ रुपए प्लस जीएसटी का अतिरिक्त वितरण हो सकता है।
मई 2023 में सूचकांक ऑप्शन बाजार में फिर से प्रवेश करने के बाद से बीएसई ने ऑप्शन कारोबार में बढ़ोतरी की है। जबकि इसका अनुमानित कारोबार मार्च तक एनएसई के अनुमानित कारोबार का लगभग 20 प्रतिशत तक पहुंच गया है, बीएसई का प्रीमियम कारोबार एनएसई के प्रीमियम कारोबार का केवल 8 प्रतिशत है।