मुंबई। टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल), स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के शेयर की कीमतों में 5.1 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी गई। इससे निफ्टी मेटल इंडेक्स को बढ़त मिली, जो 2.49 फीसदी की बढ़त के साथ दिन के अंत में बंद हुआ।
चीन में मजबूत औद्योगिक विकास के आंकड़ों ने समूचे स्टील शेयरों और मेटल्स एवं माइनिंग क्षेत्र के सेंटीमेंट को चेंज किया। सोमवार को चीन में राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो की घोषणाओं के अनुसार, जनवरी और फरवरी में चीन के औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 7 फीसदी की वृद्धि हुई।
चीन दुनिया में वस्तुओं का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और इसलिए चीन की मांग में कोई भी बढ़ोतरी समग्र वैश्विक स्टील मांग और वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा सकती है। चीन की कमजोर मांग का मतलब था कि चीन से निर्यात ऊंचा बना रहा, जिससे वैश्विक स्टील की कीमतों पर भी दबाव पड़ा। भारत में स्टील की कीमतों में भी गिरावट का रुख बना हुआ था।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज 14 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में, औसत घरेलू हॉट रोल्ड कॉइल (एचआरसी) और सरिया की कीमतों में क्रमशः 4 फीसदी और 7 फीसदी की गिरावट आई, जबकि चीनी निर्यात ऑफर 2 फीसदी बढ़ गए।
ब्रोकरेज फर्म कोटक के अनुसार, स्टील की कीमतों में गिरावट और लौह अयस्क (आयरन ओर) और कोकिंग कोयले की बढ़ती कीमतों से संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में स्टील मार्जिन क्रमिक रूप से दबाव में रहने की उम्मीद है।
चीन की बढ़ती मांग लौह-अयस्क और कोयले की कीमतों को भी समर्थन दे सकती है। लौह-अयस्क की कीमतें जो लगभग 150 डॉलर प्रति टन (पूर्व चीन) तक बढ़ गई थीं, गिरकर 110 डॉलर प्रति टन के स्तर पर आ गईं। इससे एनएमडीसी के शेयर की कीमत 5 मार्च से 15 मार्च की अवधि के बीच 18 फीसदी गिर गई थी। एनएमडीसी के शेयर की कीमत में भी सोमवार को 2.12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। कोल इंडिया सोमवार को 1.63 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ।