मुंबई। कैपिटल मार्केट के विश्लेषकों पर भरोसा किया जाए तो चालू वित्त वर्ष के बचे समय और अगले वित्त वर्ष में भी आईपीओ की धूम रहने की उम्मीद है, जिसमें 72,000 करोड़ रुपए से अधिक रुपए पूंजी बाजार से जुटाएगी।
लगभग 25 कंपनियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से लगभग 27,190 करोड़ रुपए जुटाने की मंजूरी मिल गई है और अन्य 41 कंपनियां कुल 45,576 करोड़ रुपए जुटाने के लिए मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।
इस साल प्राइमरी और सैकंडरी दोनों बाजारों के लिए प्रमुख ट्रिगर आम चुनाव हैं, जो मई में होने वाले हैं। कैलेंडर वर्ष 2024 में औसत आईपीओ का आकार बड़ा होने की संभावना है क्योंकि पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बड़ी कंपनियां आईपीओ लेकर आ रही हैं।
पाइपलाइन में सबसे बड़े आईपीओ ओयो (लगभग 8,430 करोड़ रुपए), एबिक्स कैश (6,000 करोड़ रुपए), एनएसडीएल (4,500 करोड़ रुपए), फर्स्ट क्राई (4,000 करोड़ रुपए) और डिजिट इंश्योरेंस (3,500 करोड़ रुपए) हैं। लगभग सात नए जमाने की आईटी कंपनियों – ओला इलेक्ट्रिक, औफिस, मोबिक्विक, प्रोटिया, ओरावेल स्टेज़, गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस और ब्रेनबीज़ सॉल्यूशंस – के कैलेंडर वर्ष 2024 में आईपीओ आने की उम्मीद है।
बाजार पंडितों को उम्मीद है कि अगले 12-24 महीनों में आईपीओ बाजार से 10 अरब डॉलर की इक्विटी जुटाई जाएगी। बैंकिंग/वित्तीय सेवा क्षेत्र में सात कंपनियां बाजार में आएंगी। जना स्मॉल फाइनेंस बैंक और कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक 7 फरवरी को बाजार में आई और फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक और एबिक्सकैश के साल के अंत में कैपिटल मार्केट में दस्तक देने की उम्मीद है। नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी, एक्मे फिनट्रेड और आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस को सेबी की मंजूरी का इंतजार है।
पर्यटन क्षेत्र में, जिसमें आने वाले वर्षों में बड़ी वृद्धि देखने की उम्मीद है, तीन आईपीओ कतार में हैं। एपीजे सुरेंद्र पार्क होटल्स का 920 करोड़ रुपए 5 फरवरी को बाजार में आई, जबकि रितेश अग्रवाल के ओयो और जुनिपर होटल्स बाजार में आईपीओ के साथ आ रही हैं।
वर्ष 2023 में लगभग 57 कंपनियों ने मेनबोर्ड आईपीओ के माध्यम से 49,434 करोड़ रुपए जुटाए, जो 2022 में 40 कंपनियों ने 59,302 करोड़ रुपए जुटाए थे। हालांकि, मेगा एलआईसी सार्वजनिक पेशकश को छोड़कर, 2023 में आईपीओ जुटाने में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)